माँ शाकम्भरी और दुर्गमासुर की पौराणिक कथा: एक शक्तिशाली देवी का महिमामंडन

माँ शाकम्भरी और दुर्गमासुर की पौराणिक कथा: एक शक्तिशाली देवी का महिमामंडन

प्राचीन काल से भारत में देवी-देवताओं की अनंत कथाएँ और मान्यताएँ प्रचलित हैं, जिनमें शक्ति की उपासना विशेष स्थान रखती है। ऐसी ही एक अद्भुत और प्रेरणादायक कथा है माँ शाकम्भरी और दुर्गमासुर की। यह कथा केवल एक धार्मिक कहानी ही नहीं है, बल्कि यह सच्चाई की विजय और भक्तों की आस्था का प्रतीक है।

श्री शाकम्भरी माता महामंत्र लिरिक्स

श्री शाकम्भरी माता महामंत्र लिरिक्स

Bhajan Name- Shri Shakambhari Mata Mahamantra Lyrics ( श्री शाकम्भरी माता महामंत्र लिरिक्स ) Bhajan Lyric – Saurabh Madhukar Bhajan Singer –  Saurabh Madhukar Music Lable- Saurabh Madhukar माँ ब्रह्माणी नमो नमः, हे रुद्राणी नमो नमः, सकराय वासिनी नमो नमः, शाकम्भरी माँ नमोस्तुते || मात सताक्षी नमो नमः, दुर्गम विनाशी नमो नमः, हे सुख-राशि नमो

माँ शाकम्भरी कौन हैं ?

माँ शाकम्भरी कौन हैं

माँ शाकम्भरी- माँ शाकम्भरी हिन्दू धर्म में अत्यंत पूजनीय और शक्तिशाली देवी मानी जाती हैं, जिन्हें पोषण की देवी के रूप में जाना जाता है। माँ शाकम्भरी को माँ दुर्गा का अवतार माना जाता है, जो विशेष रूप से संकट के समय मानवता को भोजन और जीवनदायिनी वनस्पति प्रदान करती हैं। उनका नाम “शाकम्भरी” संस्कृत