जब ठाकुर जी ने स्वयं जाकर चुकाया अपने भक्त का कर्ज़ा

नरसी मेहता और राग केदार: जब ठाकुर जी ने स्वयं जाकर चुकाया अपने भक्त का कर्ज़ा परिचय हिंदू धर्म में भक्ति मार्ग को सर्वोपरि माना गया है। जब कोई भक्त सच्चे मन से भगवान की उपासना करता है, तो भगवान स्वयं उसकी सहायता के लिए आते हैं। ऐसी ही एक अद्भुत कथा गुजरात के महान

भक्ति की परीक्षा: जब भगवान ने अपने सबसे प्रिय भक्त को डांटकर बाहर निकाल दिया

वैकुंठ संगीत महोत्सव

भक्ति की परीक्षा: जब भगवान ने अपने सबसे प्रिय भक्त को डांटकर बाहर निकाल दिया परिचय ईश्वर के परम भक्त नारद मुनि की कहानियां हमें सिखाती हैं कि भक्ति में प्रेम, समर्पण और विनम्रता का होना कितना आवश्यक है। यह कथा नारद मुनि से जुड़ी है, जब भगवान विष्णु ने उन्हें वैकुंठ से यह कहकर

जब एक भक्त को राम जी ने जबरदस्ती खिलाया 56 भोग : श्री रामानंदाचार्य जी की अद्भुत भक्ति कथा

Shri Ramananda Charya ji

जब एक भक्त को राम जी ने जबरदस्ती खिलाया 56 भोग : श्री रामानंदाचार्य जी की अद्भुत भक्ति कथा परिचय: श्री रामानंदाचार्य जी कौन थे? भारत की भक्ति परंपरा में कई महान संत और आचार्य हुए हैं, जिन्होंने समाज को भगवान की भक्ति की ओर प्रेरित किया। उन्हीं में से एक महान संत श्री रामानंदाचार्य

आखिर क्यों ठाकुर जी मंदिर से अपना सामान बांधकर भागने लगे : रामदास जी की अद्भुत भक्ति

रामदास जी की अद्भुत भक्ति

रामदास जी की अद्भुत भक्ति: आखिर क्यों ठाकुर जी मंदिर से अपना सामान बांधकर भागने लगे परिचय भक्ति वह शक्ति है जो भगवान को भी अपने भक्त का सेवक बना देती है। इतिहास में ऐसे कई उदाहरण हैं जब भगवान ने अपने भक्तों की पुकार सुनकर उनके लिए नियम और रीति-रिवाजों की सीमाएँ भी तोड़

इस भक्त के लिए ठाकुर जी ने खुद से की खुद की आरती

Harivansh Mahaprabhu

श्री हरिवंश महाप्रभु जी का बाल्यकाल और ठाकुर जी के प्रति अद्भुत प्रेम : इस भक्त के लिए ठाकुर जी ने खुद से की खुद की आरती  परिचय श्री हरिवंश महाप्रभु जी का जीवन भक्ति और समर्पण का उत्कृष्ट उदाहरण है। उनका बाल्यकाल विशेष रूप से उनकी ठाकुर जी के प्रति अनन्य निष्ठा और प्रेम

भक्त के लिए मंदिर का त्याग करके जगन्नाथ जी उसके साथ चले गए

श्री जगन्नाथ और माधव दास जी

भक्त के लिए मंदिर का त्याग करके जगन्नाथ जी उसके साथ चले गए : अनुपम भक्ति कथा परिचय श्री जगन्नाथ और माधव दास जी की यह कथा वैष्णव भक्ति का अद्वितीय उदाहरण है। यह कथा न केवल भगवान और भक्त के प्रेम को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि भक्ति के प्रति