जब जगन्नाथ महाप्रभु जी स्वयं मित्र बनकर आए अपने भक्त के खातिर

जब जगन्नाथ महाप्रभु जी स्वयं मित्र बनकर आए अपने भक्त के खातिर

जब जगन्नाथ महाप्रभु जी स्वयं मित्र बनकर आए: बंधु महंती की सम्पूर्ण कथा एक साधारण जीवन, असाधारण श्रद्धा उड़ीसा के एक गांव में रहते थे बंधु महंती—न तो उनके पास संपत्ति थी, न कोई व्यवसाय, न समाज में कोई ऊँचा स्थान। वे अपने परिवार—पत्नी और दो बच्चों के साथ भिक्षा पर आश्रित जीवन जीते थे।

भक्त के लिए मंदिर का त्याग करके जगन्नाथ जी उसके साथ चले गए

श्री जगन्नाथ और माधव दास जी

भक्त के लिए मंदिर का त्याग करके जगन्नाथ जी उसके साथ चले गए : अनुपम भक्ति कथा परिचय श्री जगन्नाथ और माधव दास जी की यह कथा वैष्णव भक्ति का अद्वितीय उदाहरण है। यह कथा न केवल भगवान और भक्त के प्रेम को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि भक्ति के प्रति