जब जगन्नाथ महाप्रभु जी स्वयं मित्र बनकर आए अपने भक्त के खातिर
जब जगन्नाथ महाप्रभु जी स्वयं मित्र बनकर आए: बंधु महंती की सम्पूर्ण कथा एक साधारण जीवन, असाधारण श्रद्धा उड़ीसा के एक गांव में रहते थे बंधु महंती—न तो उनके पास संपत्ति थी, न कोई व्यवसाय, न समाज में कोई ऊँचा स्थान। वे अपने परिवार—पत्नी और दो बच्चों के साथ भिक्षा पर आश्रित जीवन जीते थे।