बाबा पूरणमल की कथा: अन्याय, भक्ति और मोक्ष की अमर गाथा

बाबा पूरणमल की कथा: अन्याय, भक्ति और मोक्ष की अमर गाथा


🔹 परिचय

भारत की भूमि सदियों से धर्म, अध्यात्म और चमत्कारों की साक्षी रही है। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कथा है बाबा पूरणमल की, जो एक राजकुमार से योगी बनने की अद्भुत यात्रा को दर्शाती है।

यह कहानी केवल एक राजकुमार के संघर्ष की नहीं, बल्कि अन्याय, सत्य, भक्ति और आध्यात्मिक जागरण की गाथा है। इसमें एक राजा, एक छल करने वाली रानी, एक निर्दोष राजकुमार, महान योगी गुरु गोरखनाथ, और एक क्रूर रानी सुंदरा के किरदार शामिल हैं।

आइए इस पौराणिक कथा को विस्तार से जानते हैं और इसके हर पहलू को समझते हैं।

Story of Puranmal Ji


🔹 राजा शालीवाहन और पुत्रेष्टि यज्ञ

पंजाब के सियालकोट में एक शक्तिशाली और धर्मपरायण राजा शालीवाहन का शासन था। वे न्यायप्रिय और वीर थे, लेकिन एक बड़ा दुख था—उनकी कोई संतान नहीं थी

✔ राजा की दो पत्नियाँ थीं—इच्छाराधे (बड़ी रानी) और न्यूनामे (छोटी रानी)।
✔ दोनों रानियों से उन्हें संतान नहीं हो रही थी, जिससे वे अत्यंत दुखी थे।

👉 संतान प्राप्ति के लिए यज्ञ

राज्य के पुरोहितों और ज्योतिषियों से सलाह लेने के बाद, राजा ने पुत्रेष्टि यज्ञ करवाने का निर्णय लिया।

✔ यज्ञ के फलस्वरूप बड़ी रानी इच्छाराधे ने एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका नाम पूरणमल रखा गया।
✔ महल में खुशी की लहर दौड़ गई, लेकिन यह प्रसन्नता ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाई।


🔹 पूरणमल का निर्वासन और 12 वर्ष का वनवास

राज ज्योतिषियों ने पूरणमल की कुंडली देखकर राजा को चेतावनी दी:

“यह बालक पहले 12 वर्षों तक अशुभ रहेगा। यदि राजा इसका मुख देखेंगे तो राज्य को हानि होगी।”

👉 पूरणमल को जंगल भेजा गया

✔ राजा ने भारी मन से ज्योतिषियों की सलाह मान ली।
✔ उन्होंने पूरणमल को जंगल में भेज दिया, लेकिन उसके पालन-पोषण और शिक्षा की उचित व्यवस्था कर दी।    इसे भी पढे- मां शाकंभरी देवी की परम आनंदमयी कथा )
✔ पूरणमल ने वहां शास्त्र और शस्त्र विद्या में निपुणता प्राप्त की।
✔ वह तेजस्वी, पराक्रमी और अत्यंत बुद्धिमान बन गए।

Story of Puranmal Ji


🔹 पूरणमल की महल वापसी और सौतेली माँ का षड्यंत्र

12 वर्षों के वनवास के बाद, जब पूरणमल युवा हुए, तो उन्हें राजमहल वापस बुलाया गया

✔ राजा ने उनका भव्य स्वागत किया।
✔ बड़ी रानी इच्छाराधे ने अपने पुत्र को देखकर आँसुओं से उनका अभिषेक किया

लेकिन जब छोटी रानी न्यूनामे ने पूरणमल को देखा, तो वह उनकी सुंदरता पर मोहित हो गई

Story of Puranmal Ji


🔹 रानी न्यूनामे का छल और पूरणमल पर झूठा आरोप

✔ राजा वृद्ध हो चुके थे, लेकिन रानी न्यूनामे अभी युवा थीं
✔ वह पूरणमल पर आकर्षित हो गईं और उनसे अनैतिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करने लगीं
✔ पूरणमल ने विनम्रता से इंकार कर दिया और कहा, “आप मेरी माता हैं, मैं यह पाप नहीं कर सकता।”
✔ यह सुनकर रानी न्यूनामे ने अपने अपमान का बदला लेने का निश्चय किया

👉 पूरणमल पर लगा झूठा आरोप

एक दिन, रानी ने राजा के सामने रोते हुए कहा:

“आपका पुत्र पूरणमल मुझ पर कुदृष्टि रखता है और उसने मेरा शील भंग करने की कोशिश की!” 

✔ राजा बिना सत्यता की जाँच किए क्रोधित हो गए
✔ उन्होंने आदेश दिया कि पूरणमल को मृत्युदंड दिया जाए

Story of Puranmal Ji


🔹 पूरणमल को कुएं में फेंक दिया गया

✔ पूरणमल को मारने के लिए जल्लादों को आदेश मिला।
✔ लेकिन उनका तेज देखकर जल्लादों को दया आ गई
✔ उन्होंने पूरणमल को मारने के बजाय जिंदा कुएं में फेंक दिया

Story of Puranmal Ji


🔹 गुरु गोरखनाथ का आगमन और पूरणमल का पुनर्जन्म

संयोगवश, उसी दिन महान योगी गुरु गोरखनाथ उसी रास्ते से गुजर रहे थे।

✔ उनके शिष्य ने कुएं से पानी निकालने की कोशिश की, लेकिन पानी नहीं निकला।
✔ गुरु गोरखनाथ ने अपनी योग शक्ति से कुएं में पूरणमल को देखा।
✔ उन्होंने अपने योग बल से पूरणमल को बाहर निकाला
✔ पूरणमल ने गुरु के चरणों में गिरकर पूरी घटना सुनाई और गुरु का शिष्य बनने की प्रार्थना की

गुरु गोरखनाथ ने महसूस किया कि पूरणमल साधारण व्यक्ति नहीं हैं। उन्होंने उसे नाथ संप्रदाय में शामिल कर लिया

Story of Puranmal Ji


🔹 क्रूर रानी सुंदरा और पूरणमल का त्याग

गुरु गोरखनाथ के साथ घूमते हुए पूरणमल रानी सुंदरा के राज्य में पहुंचे।

✔ रानी सुंदरा साधुओं की हत्या करवाती थी
✔ पूरणमल ने महल से भिक्षा लेने की जिद की, लेकिन उसे रोकने की कोशिश की गई।
✔ जब रानी पूरणमल के सामने आई, तो उनकी दिव्य आभा देखकर बेहोश हो गई

जब वह होश में आई, तो बोली:

“मैं एक ऐसे योगी से विवाह करूंगी जो शाही परिवार से हो।”

✔ पूरणमल ने विवाह से इंकार कर दिया।
✔ रानी सुंदरा को गुरु गोरखनाथ का दर्शन करने का सौभाग्य मिला और वह सत्य के मार्ग पर आ गई


🔹 सियालकोट वापसी और सत्य की जीत

गुरु गोरखनाथ की आज्ञा से पूरणमल अपने माता-पिता को क्षमा करने के लिए सियालकोट लौटे

✔ जब उन्होंने सूखे बगीचे में प्रवेश किया, तो वह हरा-भरा हो गया
✔ राजा और रानी को जब उनके आगमन की खबर मिली, तो वे महल में आमंत्रित हुए।
✔ पूरणमल ने राजा से कहा:
“पिताजी, मैं ही आपका पुत्र पूरण हूँ।”

( इसे भी पढे- सबरीमाला मंदिर के रहस्य: भगवान अयप्पा की कथा और 41 दिनों की कठिन तपस्या का महत्व )

राजा ने पूरणमल को गले लगाया और न्यूनामे से पूछा:
“अब तुम्हें क्या कहना है?”

✔ न्यूनामे ने रोते हुए माफी मांगी।
✔ पूरणमल ने कहा, “यदि आपने मेरे साथ ऐसा नहीं किया होता, तो मैं गुरु गोरखनाथ का शिष्य नहीं बन पाता।”
✔ उन्होंने न्यूनामे को क्षमा कर दिया और आशीर्वाद दिया कि उसे एक योग्य पुत्र मिलेगा


🔹 बाबा पूरणमल का आध्यात्मिक उत्थान

✔ पूरणमल नाथ संप्रदाय की गद्दी पर विराजमान हुए
✔ वह बाबा चौरंगीनाथ जी के नाम से प्रसिद्ध हुए।
✔ उन्होंने हरियाणा में स्थल बोहर बाबा मस्तनाथ जी का डेरा स्थापित किया
✔ उनकी अखंड ज्योति आज भी जल रही है।


🔹 निष्कर्ष

यह कथा धैर्य, सत्य, भक्ति और मोक्ष की राह दिखाती है

📌 क्या यह कहानी आपको प्रेरित करती है? इसे शेयर करें और अपने विचार कमेंट में बताएं! 🚀


🔹 FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

1. पूरणमल कौन थे और उनकी कथा क्यों प्रसिद्ध है?
✔ पूरणमल राजा शालीवाहन के पुत्र थे, जिन्हें अन्याय के कारण जंगल में छोड़ दिया गया था। वे आगे चलकर गुरु गोरखनाथ के शिष्य बने और बाबा चौरंगीनाथ के नाम से प्रसिद्ध हुए।

2. पूरणमल को कुएं में क्यों फेंक दिया गया था?
✔ उनकी सौतेली माँ रानी न्यूनामे ने उन पर झूठा आरोप लगाया था, जिसके कारण राजा ने उन्हें मृत्युदंड दे दिया। लेकिन जल्लादों ने उन्हें मारने के बजाय कुएं में फेंक दिया।

3. गुरु गोरखनाथ ने पूरणमल को कैसे बचाया?
✔ गुरु गोरखनाथ ने अपने योग बल से उन्हें कुएं से बाहर निकाला और उन्हें नाथ संप्रदाय में शामिल किया।

4. पूरणमल ने कौन-सी महत्वपूर्ण गद्दी संभाली?
✔ वे नाथ संप्रदाय के प्रमुख संत बने और हरियाणा के स्थल बोहर बाबा मस्तनाथ जी के डेरे की स्थापना की।

5. बाबा पूरणमल का जीवन हमें क्या सिखाता है?
✔ यह कथा हमें धैर्य, सत्य, गुरु भक्ति, आध्यात्मिक उत्थान और अन्याय के विरुद्ध संघर्ष करने की सीख देती है।


 

अध्यात्म और भक्ति की कहानियांऐतिहासिक धार्मिक कथाएंऐतिहासिक साधु-संतों की गाथागुरु गोरखनाथ और उनके शिष्यगुरु गोरखनाथ की शिक्षाएंगुरु-शिष्य परंपरा की कहानियां।धार्मिक और ऐतिहासिक चमत्कारनाथ संप्रदाय का इतिहासनाथ संप्रदाय का प्रभावनाथ संप्रदाय की परंपरानाथ संप्रदाय के सिद्ध संतपुनर्जन्म की कहानियांपूरणमल और अखंड ज्योतिपूरणमल और उनका न्यायपूरणमल और गुरु गोरखनाथपूरणमल और स्थल बोहर मस्तनाथ जी का डेरापूरणमल का जीवनपूरणमल का तपपूरणमल का योगबलपूरणमल की महल वापसीपूरणमल की शिक्षापूरणमल की सच्ची कहानीपूरणमल के सिद्धि चमत्कारपूरणमल कौन थेपूरणमल पर अन्यायबाबा चौरंगीनाथ कौन थेबाबा पूरणमल की कथाबाबा पूरणमल के चमत्कारराजा शालीवाहन का राज्यराजा शालीवाहन की कहानीरानी न्यूनामे का छलसंतों की सच्ची कहानियांसियालकोट का इतिहास

Leave a Reply