कैलाश पर्वत की कुछ ऐसी रहस्यमयी घटनाएं जिनको जानकरआप भी चौक जाएंगे
क्यों क्लाइंबर्स को यहां आते ही एक अजीब सी घबराहट होने लगती है यहां मौजूद दो अद्भुत झीलों का आखिर क्या रहस्य है क्या सच में यहां एक ऐसा डिवाइन बीइंग रहते हैं जिसकी पूजा चार धर्मों में की जाती है | कैलाश पर्वत जिसे कभी स्वर्ग की सीढ़ी भी कहा जाता है भले ही दुनिया का सबसे से ऊंचा पहाड़ ना हो पर तब भी इसके रहस्य इसकी ऊंचाई से कई गुना ज्यादा दिलचस्प है लगभग 7000 लोग माउंट एवरेस्ट पर चढ़ चुके हैं लेकिन कैलाश पर्वत जो एवरेस्ट से कई गुना छोटा है और टॉप 100 हाईएस्ट माउंटेंस के लिस्ट में भी नहीं आता है उसमें आज तक कोई भी नहीं चढ़ पाया | केवल एक पहाड़ नहीं है, बल्कि अनेक अद्भुत रहस्यों और मान्यताओं का केंद्र है। यह पर्वत तिब्बत के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है और भारत-चीन की सीमा के पास आता है। भले ही यह दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत नहीं है, लेकिन इसकी गूढ़ता और धार्मिक महत्व इसे विशेष बनाते हैं। कई पर्वतारोही इस पर्वत पर चढ़ाई करने में असमर्थ रहे हैं, और यहां होने वाली अद्भुत घटनाएं इस पर्वत को एक अनसुलझी पहेली बनाती हैं।
1. कैलाश पर्वत पर चढ़ाई क्यों असंभव मानी जाती है?
आज तक कोई भी इंसान कैलाश पर्वत के शिखर पर नहीं पहुंच पाया है। कहा जाता है कि यहां चढ़ने वाले पर्वतारोही अचानक से घबराहट और उलझन महसूस करने लगते हैं। उनकी बॉडी तेजी से उम्र बढ़ने जैसी प्रतिक्रियाएं दिखाने लगती हैं। यह माना जाता है कि कैलाश पर एक अदृश्य शक्ति है जो इंसानों को शिखर तक जाने से रोकती है। ऐसा माना जाता है कि 20वीं सदी में कुछ साइबेरियाई पर्वतारोहियों ने शिखर पर चढ़ने की कोशिश की थी, परंतु उनकी उम्र अचानक बढ़ने लगी और कुछ ही समय में वे सब दिवंगत हो गए।
2. रहस्यमयी झीलें – मानसरोवर और राक्षस ताल
कैलाश पर्वत के पास दो प्रमुख झीलें हैं: मानसरोवर और राक्षस ताल। मानसरोवर झील का जल मीठा है और इसे संसार की सबसे ऊंची ताजे पानी की झील माना जाता है। यह झील पूर्ण गोलाकार है और इसके जल को पवित्र माना जाता है। वहीं, राक्षस ताल एक खारी पानी की झील है और इसमें किसी भी प्रकार का जलजीवन नहीं पाया जाता है। राक्षस ताल के बारे में माना जाता है कि यह कभी-कभी सूख जाता है और फिर से भर जाता है, जो इसे और भी रहस्यमयी बनाता है।
3. कंपास की विचित्र प्रतिक्रिया
कैलाश पर्वत के निकट आने पर कंपास की सुई दिशाओं में भ्रमित होकर घूमने लगती है। सामान्य रूप से कंपास की सुई हमेशा उत्तर दिशा की ओर संकेत करती है, लेकिन कैलाश के पास यह गोल-गोल घूमने लगती है। वैज्ञानिक भी इस परिकल्पना का सटीक उत्तर देने में असमर्थ रहे हैं। इस घटना को पर्वत के आसपास की अदृश्य चुंबकीय शक्ति का परिणाम माना जाता है।
4. पवित्र ध्वनि और ओम का आकार
कहा जाता है कि कैलाश पर्वत पर अक्सर अजीब ध्वनियाँ सुनाई देती हैं, जिनमें से कुछ को ‘ओम’ की ध्वनि से जोड़कर देखा गया है। यहां की चट्टानों पर ओम का चिन्ह और भगवान शिव का चेहरा बनने जैसी संरचनाएं देखी गई हैं, जो इसे और भी अद्भुत बनाती हैं।
5. धर्मों का संगम
कैलाश पर्वत चार प्रमुख धर्मों – हिंदू, बौद्ध, जैन, और बोन धर्म के अनुयायियों के लिए पवित्र माना जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार, यह भगवान शिव का निवास स्थान है, जहां वे माता पार्वती के साथ निवास करते हैं। जैन धर्म में इसे ऋषभदेव की मोक्ष प्राप्ति का स्थान माना गया है, जबकि बौद्ध धर्म में यह तन्मति बोधिसत्त्व का स्थान है। बोन धर्म इसे विश्व का केंद्र मानता है।
6. शम्भाला का रहस्य
तिब्बत की प्राचीन कथाओं के अनुसार, कैलाश पर्वत के नीचे एक प्राचीन नगरी शम्भाला का अस्तित्व है। यह माना जाता है कि यह नगरी उन्नत प्राणियों का निवास स्थान है, जो अत्यधिक उन्नत विज्ञान और तकनीक का उपयोग करते हैं। कई लोग मानते हैं कि यह नगरी आज भी मौजूद है और अत्यंत गुप्त रूप से संरक्षित है।
7. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कैलाश पर्वत का स्वरूप
वैज्ञानिकों के अनुसार, कैलाश पर्वत का त्रिकोणीय आकार और उसकी पिरामिड जैसी संरचना किसी प्राकृतिक घटना का परिणाम हो सकता है। वैज्ञानिक इसे एक प्राकृतिक पिरामिड मानते हैं, जो लाखों वर्षों पहले ग्लेशियल गतिविधियों के कारण बना होगा। हालांकि, कई लोग इसे प्राकृतिक घटना के बजाय मानव निर्मित संरचना मानते हैं। ( इसे अवश्य पड़े और जाने माँ के बारे में – माँ शाकम्भरी कौन हैं ? )
8. वायुयान और तकनीकी उपकरणों का असमर्थ होना
कैलाश पर्वत के ऊपर किसी भी प्रकार के वायुयान या हवाई जहाज को उड़ने की अनुमति नहीं दी गई है। इसके आसपास के क्षेत्र में तकनीकी उपकरण भी सही से कार्य नहीं करते हैं। पर्वत की चुंबकीय शक्ति और इसकी ऊंचाई के कारण यहां वायुयान नहीं उड़ाए जाते। यह भी माना जाता है कि यहां पर किसी अदृश्य ऊर्जा का प्रभाव है, जो मशीनों के संचालन को बाधित करती है।
9. समय और आयु में परिवर्तन का रहस्य
कैलाश पर्वत पर चढ़ाई करने वालों ने अक्सर बताया है कि वहां उनका समय का अनुभव असामान्य होता है। कुछ पर्वतारोहियों का कहना है कि उन्हें महसूस हुआ कि उनकी उम्र अचानक से बढ़ रही है। हालांकि, वैज्ञानिक इसे समय में बदलाव की वजह से बताते हैं, जहां ऊंचाई पर समय का थोड़ा परिवर्तन होता है।
10. प्राचीन सभ्यता और एलियन थ्योरी
कुछ लोग यह मानते हैं कि कैलाश पर्वत को एक प्राचीन सभ्यता या एलियंस ने बनाया होगा। हिंदू धर्म में भगवान शिव को भी एक दिव्य शक्ति के रूप में देखा जाता है, और कई लोग मानते हैं कि शिव ही असल में कोई उन्नत प्राणी हो सकते हैं। वैज्ञानिक भी कैलाश मंदिर की संरचना को देखकर इसे एक असाधारण रचना मानते हैं।
FAQ: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- कैलाश पर्वत पर कोई क्यों नहीं चढ़ पाया है?
- माना जाता है कि यहां चढ़ाई करने वाले लोग एक अदृश्य शक्ति के कारण भय और असहजता महसूस करते हैं, जिससे उन्हें लौटना पड़ता है।
- कैलाश पर्वत के पास कंपास क्यों काम नहीं करता?
- कैलाश पर्वत की चुंबकीय शक्ति के कारण कंपास दिशाओं में भ्रमित होकर घूमने लगता है।
- कैलाश पर्वत को चार धर्मों में पवित्र क्यों माना गया है?
- यह पर्वत हिंदू, बौद्ध, जैन, और बोन धर्म के अनुयायियों के लिए पवित्र स्थल है और उन्हें आध्यात्मिक रूप से आकर्षित करता है।
- क्या कैलाश पर्वत को मानव निर्मित माना जाता है?
- कुछ लोग इसे मानव निर्मित या एलियन द्वारा निर्मित मानते हैं, जबकि वैज्ञानिक इसे प्राकृतिक संरचना मानते हैं।
- मानसरोवर और राक्षस ताल में क्या अंतर है?
- मानसरोवर एक मीठे पानी की झील है, जबकि राक्षस ताल खारी पानी की है, और इनकी विशेषताएं एक-दूसरे से विपरीत हैं।
निष्कर्ष
कैलाश पर्वत का रहस्य और पवित्रता इसे सबसे अद्भुत स्थानों में से एक बनाते हैं। वैज्ञानिक तथ्यों और धार्मिक मान्यताओं के बीच का यह संतुलन इसे और भी गूढ़ बनाता है। जब तक इसके सभी रहस्यों का खुलासा नहीं होता, यह पर्वत श्रद्धा, आस्था, और जिज्ञासा का केंद्र बना रहेगा।
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