नीम करोली बाबा के जीवन की अनसुनी कहानी

नीम करोली बाबा: चमत्कारी संत की प्रेरणादायक कथा

परिचय
भारत की भूमि संतों और महापुरुषों की कहानियों से भरी पड़ी है। इन कहानियों में से एक है नीम करोली बाबा की कथा। यह कथा केवल एक संत की नहीं, बल्कि एक ऐसे दिव्य पुरुष की है जिनकी चमत्कारी शक्तियां और उनकी सरलता ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया। बाबा के जीवन में अनेक घटनाएं ऐसी हैं जो रहस्य और प्रेरणा का स्रोत बन गईं।

आइए, इस लेख में बाबा के जीवन के हर पहलू को विस्तार से समझें, ताकि उनकी कथा का पूरा आनंद लिया जा सके।

नीम करोली बाबा


नीम करोली बाबा का प्रारंभिक जीवन

1. जन्म और परिवार
1900 के दशक में फ़िरोज़ाबाद, उत्तर प्रदेश के एक जमींदार परिवार में बाबा का जन्म हुआ।

  • उनका असली नाम लक्ष्मण नारायण शर्मा था।
  • बाल्यकाल में उनका जीवन सुख-संपन्न था, लेकिन वे भक्ति और साधना की ओर झुके रहते थे।
  • वे सामान्य बच्चों की तरह खेल-कूद में रुचि नहीं रखते थे।

2. घर छोड़ने की घटना

  • जब बाबा 12 वर्ष के थे, उनके पिता को उनका धार्मिक स्वभाव पसंद नहीं आया।
  • पिता चाहते थे कि वे परिवार का व्यवसाय संभालें, लेकिन लक्ष्मण ने साधु बनने का निश्चय किया।
  • इस घटना ने उनके जीवन की दिशा बदल दी।

नीम करोली बाबा


आध्यात्मिक यात्रा और साधना

1. तपस्या का प्रारंभ:
घर छोड़ने के बाद बाबा ने अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू की।

  • वे हिमालय की गुफाओं में साधना करने लगे।
  • उनकी तपस्या और ध्यान ने उन्हें दिव्य सिद्धियों से संपन्न कर दिया।

2. नीम करोली गांव में चमत्कार:
बाबा का नाम ‘नीम करोली बाबा’ पड़ा क्योंकि उन्होंने उत्तर प्रदेश के नीम करोली गांव में तपस्या की।

  • यहां बाबा ने एक गुफा में बैठकर तपस्या की।
  • उनकी साधना के दौरान, उनके शरीर पर सैकड़ों सांप लिपटे रहते थे।
    • एक घटना में, गोपाल नामक लड़का गलती से गुफा में चला गया और बाबा को सांपों के बीच तपस्या करते देखा।
    • डर के मारे गोपाल बेहोश हो गया। बाबा ने उसे छूकर जीवित किया।
  • इस घटना के बाद, गांव वालों ने बाबा को हनुमान जी का अवतार मान लिया।   इसे भी पढे- मां शाकंभरी देवी की परम आनंदमयी कथा )

नीम करोली बाबा


नीम करोली बाबा की चमत्कारी शक्तियां

1. टेलीपोर्टेशन:
नीम करोली बाबा के चमत्कारों में सबसे प्रसिद्ध है उनका एक ही समय में कई स्थानों पर प्रकट होना।

  • एक नाई की घटना में, बाबा ने उसके खोए हुए बेटे को 100 किमी दूर से पैसे देकर वापस भेजा।
  • लेकिन इस दौरान बाबा उसी नाई की दुकान में मौजूद थे।
  • भक्त इसे टेलीपोर्टेशन कहते हैं, जिसे विज्ञान भी पूरी तरह नहीं समझ पाया है।

2. दैवीय शक्तियां:

  • बाबा ने कई लोगों की बीमारियां ठीक कीं और यहां तक कि मृत लोगों को भी जीवित किया।
  • उनकी साधना इतनी गहरी थी कि उन्होंने भौतिक सीमाओं को पार कर लिया था।

नीम करोली बाबा


कैंची धाम और राम दास

1. कैंची धाम की स्थापना:
बाबा ने नैनीताल में कैंची धाम नामक आश्रम की स्थापना की।

  • यह आश्रम बाबा की शिक्षाओं और भक्ति का केंद्र बना।
  • यहां बाबा ने कई भक्तों को आत्मज्ञान की राह दिखाई।

2. राम दास का आगमन:
1967 में, एक अमेरिकी प्रोफेसर रिचर्ड एल्पर्ट भारत आए।

  • कैंची धाम में बाबा से मुलाकात के बाद, रिचर्ड ने एलएसडी का उपयोग बंद कर दिया।
  • बाबा ने उन्हें सिखाया कि ध्यान और योग से ही ईश्वर का अनुभव किया जा सकता है।
  • रिचर्ड, बाबा के शिष्य बने और उनका नाम राम दास पड़ा।
  • उन्होंने बाबा पर दो प्रसिद्ध पुस्तकें लिखीं: मिरेकल ऑफ लव और बी हियर नाउ ।  इसे भी जाने – मां शाकंभरी के पावन शक्तिपीठ और उससे जुड़ी पौराणिक कथा )

महान हस्तियों पर बाबा का प्रभाव

नीम करोली बाबा की शिक्षाओं ने न केवल भारतीय बल्कि विदेशी महान हस्तियों को भी प्रभावित किया।

  • स्टीव जॉब्स: बाबा के कैंची धाम में ध्यान करने के बाद, उन्होंने एप्पल की नींव रखी।
  • मार्क जुकरबर्ग: फेसबुक के कठिन समय में बाबा के आश्रम से प्रेरणा ली।
  • जूलिया रॉबर्ट्स और विराट कोहली: बाबा के आश्रम से प्रभावित हुए।

महासमाधि: बाबा का शरीर त्याग

1. समाधि का दिन:
11 सितंबर 1973 को बाबा ने वृंदावन में अपना शरीर त्याग दिया।

  • कहा जाता है कि बाबा ने स्वेच्छा से समाधि ली।
  • उनके शिष्यों का मानना है कि बाबा ने अपने भक्तों की बीमारियों को अपने शरीर में समाहित कर लिया था।

2. वृंदावन में महासमाधि:

  • बाबा ने वृंदावन के पवित्र भूमि पर शरीर त्यागा, जिसे कृष्ण की भूमि माना जाता है।
  • समाधि के बाद भी, भक्तों का मानना है कि बाबा आज भी किसी न किसी रूप में उनके साथ हैं।

नीम करोली बाबा की शिक्षाएं

  1. प्रेम और करुणा:
    • बाबा ने सिखाया कि सच्ची भक्ति प्रेम और करुणा में निहित है।
  2. योग और ध्यान:
    • आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए योग और ध्यान का अभ्यास जरूरी है।
  3. सादा जीवन:
    • भौतिक सुखों के बजाय, आध्यात्मिक सुखों को महत्व दें।

निष्कर्ष

नीम करोली बाबा का जीवन चमत्कारों और आध्यात्मिकता से भरा हुआ है। उनकी कथा केवल भक्तों को प्रेरित करने वाली नहीं, बल्कि एक ऐसा संदेश देती है जो जीवन को सही दिशा में ले जाता है। बाबा की शिक्षाएं आज भी लोगों के जीवन में शांति और प्रेरणा का स्रोत हैं।  ( इसे भी जरूर से जाने – मिला रेपा: तांत्रिक से संत बनने की अद्भुत यात्रा )


FAQs: नीम करोली बाबा

  1. नीम करोली बाबा का असली नाम क्या था?
    लक्ष्मण नारायण शर्मा।
  2. बाबा का नाम नीम करोली क्यों पड़ा?
    क्योंकि उन्होंने उत्तर प्रदेश के नीम करोली गांव में तपस्या की।
  3. क्या बाबा के पास टेलीपोर्टेशन की शक्ति थी?
    भक्तों का मानना है कि बाबा के पास यह शक्ति थी।
  4. कैंची धाम क्यों प्रसिद्ध है?
    यह बाबा द्वारा स्थापित एक आध्यात्मिक केंद्र है।
  5. राम दास कौन थे?
    बाबा के अमेरिकी शिष्य, जिन्होंने उनकी शिक्षाओं का प्रचार किया।
  6. क्या बाबा के चमत्कार आज भी होते हैं?
    भक्तों का कहना है कि बाबा आज भी किसी न किसी रूप में उनके साथ हैं।
  7. क्या बाबा हनुमान जी के अवतार थे?
    हां, भक्त बाबा को हनुमान जी का अवतार मानते हैं।
  8. बाबा ने समाधि क्यों ली?
    भक्तों का विश्वास है कि उन्होंने स्वेच्छा से शरीर त्यागा।
  9. क्या बाबा पर कोई पुस्तक लिखी गई है?
    हां, मिरेकल ऑफ लव और बी हियर नाउ
  10. बाबा का मुख्य संदेश क्या था?
    प्रेम, करुणा और आत्मज्ञान।

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